Thursday, July 28, 2011

हिन्दु विरोधी हे साम्प्रदायिक दंगा निषेध कानुन एक्ट 2011

साम्प्रदायिक दंगा निषेध कानुन एक्ट 2011 जिसको हम द कम्युनल वोइलेन्स बिल के नाम से जानते हे । बहुत जल्दी हि केन्द्र कि सरकार के द्वारा संसद मे पास करवाया जाने वाला हे । इस बिल के द्वारा भारत मे रहने वाले तथाकथित अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने के नाम पर यहा के मुल निवासी हिन्दुओ के मन मे असुरक्षा का भाव पेदा करने कि साजिश रचि जा रही हे । अगर भारत मे रहने वाले सभी नागरिक ( हिन्दु , मुस्लिम , इसाई ) इस बिल का विरोध नहि करते हे, तो इस बिल के पास होने के बाद बहुत जल्दि हि देश हिटलर कि तानाशाहि का जन्म देखेगा । इस बिल मे सविंधान के अनुच्छेदो को देखते हुए कोई परिपक्वता नही हे । इस कारण इस बिल को गंभिरता से नही लिया जा सकता हे, क्योकि इस बिल मे देश को साम्प्रदायिक दंगो से बचाने के नाम पर केवल हिन्दुओ पर कानुनि कार्यवाहि के उपबन्ध हे जो कि केवल तथाकथित अल्पसंख्यकों को बचाने व उनके होसलो को बडावा देने के लिये हे । तथाकथित अल्पसंख्यकों को इस बिल के द्वारा इस देश मे रहने वाले हिन्दुओ को हर प्रकार से द कम्युनल वोइलेन्स बिल का डर दिखा कर अपनी योजना के अनुसार, फ़िर चाहे वह धर्मांतरण हो या जिहाद अपने अपने तरिको से प्रताडित करने का अधिकार मिल जायेगा।

अपने आप को पडा लिखा बुधिजिवी वर्ग कह कर व इस हिन्दु विरोधी बिल के पक्ष मे अंग्रेजी अखबारो मे बडे बडे लेख लिख कर व समाचार चेनलो के द्वारा वाद विवाद करवा कर इन लेखो को व वाद विवादो को अपने हिसाब से मोड कर उस को इस देश कि 90% जानता कि राय बताना व इस प्रकार के कुट रचित कार्यक्रमो को बडा चडा कर दिखाना हि आज के समाचार चेनल व अखबारो ने जेसे अपना धर्म समझ लिया हे । न्युज चेनल व अखबार जेसे Times Now , NDTV , CNNIBN ने तो जेसे एक प्रकार कि अघोषित प्रतियोगिता लगा रखी हे कि इस देश के मुल निवासी हिन्दुओ को निचा दिखाने मे कोन आगे रहता हे । इनमे अग्रेजी मिडिया ज्यादा आगे रहना चाहता हे । इनके पत्रकार जेसे टाइम्स नावँ के अरुनुब गोस्वामी ओर NDTV कि बरखा दत्त जो अपने आप को इस देश के लोकतंत्र का चोथा स्तंभ कहते हे ये अच्छी तरह से जानते हे कि कोन से विषय को किस तरफ़ घुमाना हे।

सरकार कि मंशा के अनुरुप तो एसा लगता हे कि इस विधेयक के जरिये सरकार अपने हाथो मे बहुसंख्यक समुदाय ( हिन्दुओ ) के खिलाफ़ एक तानाशाहि व कठोर हथियार अपने हाथ मे लेना चाहती हे । हेरानि तो तब ओर होति हे जब सरकार इस विधेयक को अनुसूचित जाति एवं अनुसूची जनजाति (अत्याचार निवारण) 1989 अधिनियम और आपराधिक संहिता व भारतीय दंड संहिता से भी ऊपर रखना चाहती है । भारत के कई विपक्षी राजनेतिक दलो ने केन्द्र सरकार का ध्यान विधेयक के इस गलत प्रावधान के उपर दिलाया तब भी सरकार इस विवादित विधेयक को संसद मे पास करवाना चाहती हे । इस से यह बात ओर भी पुख्ता रुप से साबित होती हे कि यह विधेयक सिर्फ़ हिन्दु व हिन्दुत्व के विरोध के लिये लाया गया हे ।

वर्तमान विधेयक केवल अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के मन मे बहुसंख्यक समुदाय से सुरक्षा का भाव पेदा करना भर तो नही हे अगर सरकार कि सच्च मे यह मंशा हे तो इसके भविष्य मे ओर भी घातक परिणाम सामने आयेगे । क्योकि इस देश मे रहने वाले सभी नागरिक चाहे वह किसी भी समुदाय का क्यो नहि हो उस को सुरक्षा देने के लिये सभी प्रकार के प्रावधान भारतीय दंड संहिता मे सम्पूर्णरुपेण आते हे । इस विधेयक से सरकार को एक ओर फ़ायदा होने वाला हे जिस प्रकार सरकार ने 4 जुन को रामलिला मेदान मे बाबा रामदेव के चल रहे सत्याग्रह पर रात को 1 बजे सोये हुए नागरिको पर लाठिया चलवाई थी व पुरे देश मे सरकार कि इस कार्यवाही का विरोध हुआ था जिससे सरकार को बेकफ़ुट पर आकर अपना बचाव करना पडा था अब इस विधेयक के नाम पर सरकार तानाशाही पुर्वक कुछ भी करने को स्वतंत्र रहेंगी।

सरकार के तथाकथित राजपुत राजनेता जिनमे दिग्विजय सिंह प्रमुख रुप से सामने आते हे । परन्तु दिग्विजय सिंह से पहले इस लिस्ट मे ओर भी नाम थे जेसे स्वर्गीय अर्जुन सिंह , उ. प्र. के पुर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह जो कि हिन्दु होने के बाद भी हिन्दुओ को पानी पी पी कर गालिया तक देने से नही चुकते थे । एक समय तो मुलायम सिंह ने हिन्दुओ को कुत्ते हिन्दुओ मेरी बात सुनो बोल कर सम्भोदित किया था । म.प्र. के पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मुस्लिम वोट बेंक के लिये ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद उसको ओसामा जी कह कर सम्भोदित करते हे मगर वे बाबा रामदेव को एक ठग व धोखाधड़ी करने वाला कहने से नही चुकते हे एसे राजनेता मुस्लिम वोट बेंक की खातीर हिन्दुओ को लक्ष्य बानाना चाहते हे । व मन गडंत बाते बोलकर समाज के अन्दर कई प्रकार कि भ्रान्ति फ़ेलाना चाहते हे ।

बहुसंख्यक हिन्दु समुदाय को इस विधेयक का पुरी ताकत से विरोध करना चाहिये ।

Targeted Violence (Access to Justice & Reparations ) Act, 2011
को पुरी तरह से पडने व समझने के लिये क्लिंक करे
: http: //nac.nic.in/pdf/pctvb_amended.pdf

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