Monday, January 17, 2011

हिंदू डाक्टर के लिये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कि निंद क्यो नही उडी ।

क्या आपने एसी खबर पडी या सुनी हे कि सामान्य परिस्थिति मे किसी कि म्रृत्यु हो ओर उसका अन्तिम संस्कार 11 महिने बाद हो जी हाँ कुछ एसा ही हुआ हे दिल्ली निवासी डा. आशीष चावला के साथ डा. चावला सऊदी अरब के नजरान स्थित किंग खालिद अस्पताल मे कार्डियोलाजी विभाग मे कार्यरत थे वही उनका निधन 1 साल पहले 31 जनवरी 2010 को हार्टअटेक आने के कारण हो गया था । किन्तु सऊदी अरब मे हावी कठ्मुल्लाओ के कारण म्रत देह लगभग 11 माह तक वहा के अस्पताल मे पडि रही । काफ़ी जदोजहद के बाद डा चावला का शव 22 दिसम्बर 2010 को दिल्ली पहुचा ओर उसी दिन उनका अन्तिम संस्कार निगम बोध घाट दिल्ली में किया गया ।

इस्लामी देश सऊदी अरब मे डा. आशीष चावला , उनकी धर्म पत्नी डा. शालिनी चावला , 2 वर्ष कि बेटी ओर 1 नवजात पुत्र वेदांत के साथ जो अत्याचार हुआ उसे सुनकर हर भारतिय की निंद उड गई किंतु एसे भारतियो मे तथाकथित सेकुलर वादी नेता व मीडिया ओर विशेषकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल नही हे । यदि प्रधानमंत्री एसे लोगो मे शामिल होते तो उनकि निंद भी उसी प्रकार गायब होती जेसे बेगलुरु निवासी डा. हनिफ़ की आस्ट्रेलिया मे गिरफ़्तारी के समय हुई थी । उलेखनिय हे कि डा. हनिफ़ को आंतकवादियो के सम्पर्क के सन्देह मे आस्ट्रेलिया मे वहा कि पुलिस ने 2 जुलाई 2007 को गिरफ़्तार किया था जब वह बिर्सबेन हवाई अड्डे से बाहर निकल रहे थे । उस समय प्रधानमन्त्री ने कहा था । डा. हनिफ़ पर हुए अत्याचार से उनकी निंद उड गई हे । ओर उनकी सहायता के लिये सरकार हरसम्भव प्रयास करेगी । किंतु डा. आशीष चावला , उनकी धर्म पत्नी डा. शालिनी चावला , 2 वर्ष कि बेटी ओर 1 नवजात पुत्र वेदांत के साथ जो अत्याचार हुआ इन अत्याचारो के खिलाफ़ प्रधानमन्त्री वेसे ही चुप रहे जेसे घोटालो के समय वे चुप रहते हे । जबकी इन अत्याचारो कि जानकारी उनको बहुत पहले हि दे दि गई थी । डा. शालिनी चावला के चाचा श्री एच. जी. नागपाल ने प्रधानमन्त्री से मिलकर गुहार लगाई थी की सउदी अरब सरकार के अत्याचारो से उनके परिजनो को बचाइये । परन्तु डा. हनिफ़ पर हुए अत्याचार से जीन की निंद उड गई थी , इस मामले मे उनकी निन्द नही उडी । ओर उन्होने सउदी अरब कि सरकार को एक पत्र तक लिखना भी उचित नही समझा । यदि डा. हनिफ़ के रिश्तेदार गुहार लगा देते तो क्या होता । डा. आशीष चावला उनकी धर्म पत्नी डा. शालिनी चावला के मामले पर गुहार लगाने के बावजुद वे अच्छी तरह निंद लेते रहे । इस घटना के बाद यह कहना बिल्कुल सही रहेगा कि डा. हनिफ़ चुकि उस सम्प्रदाय से थे जो कांग्रेसी वोट बेंक का हिस्सा हे इसलिये प्रधानमन्त्री जी वोट बेंक बचाने के लिये तुरन्त हरकत मे आ गये पर डा. आशीष चावला का परिवार हिन्दु था ओर हिन्दुओ का चुकी कोई वोट बेंक नही हे इसलिये प्रधानमन्त्री ने कुछ भी नही किया । डा. आशीष चावला उनकी धर्म पत्नी डा. शालिनी चावला लगभग 10 साल पहले दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल मे एक दुसरे के करिब आये । लगभग 4 साल पहले ये दोनो सउदी अरब गये ओर वहा के किंग खालिद हास्पिटल मे नोकरी करने लगे डा. आशीष चावला कार्डियोलाजिस्ट थे डा. शालिनी चावला अस्पताल के दवाई विभाग मे कार्यरत थी सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था । दोनो बहुत खुश थे । उनकि खुशी 2 साल पहले ओर दोगुनी हो गई जब ये दोनो माता पिता बने । बेटी कि किल्कारी से उनका घर महक उठा । किन्तु 31 जनवरी 2010 कि रात इनके लिये काल रात्रि बन कर आई । सोते सोते डा. आशीष चावला अपने पिछे गर्भवती पत्नि ओर दो साल कि पुत्रि को उस देश मे छोड कर चल बसे जिस देश मे अकेली महिला का निकलना भी जुर्म होता हे । अस्पताल कि प्रारंभिक जांच मे यह बताया गया की डा. आशीष चावला का निधन ह्र्दयाघात से हुआ हे । कल्पना किजिये एक एसी महिला जिसके गर्भ मे 8 माह का बच्चा पल रहा हो उस समय उस के पति का इस दुनिया से जाना उसके लिये कितना बडा आघात होगा । डा. शालिनी चावला के साथ तो एसा अपने परिजनो से हजारो कि. मी. दुर परदेश मे हुआ । उनहोने हिम्मत नही हारी ओर भारत मे रह रही अपनी माता जी श्रीमती उमा नागपाल को जानकारी दी । पिता का निधन 2 साल पहले हो गया था । एक दिन बाद उनकी माँ ओर भाई सउदी अरब पहुच गये । तब तक डा. शालिनी चावला कि स्थिती एसी हो गई की उन्हे भी अस्पताल मे भर्ती कराना पडा । विडम्बना देखिए एक अस्पताल मे पति का शव रखा हुआ था तो दुसरे अस्पताल मे पत्नि भर्ती थी । वही 10 फ़रवरी 2010 को डा. शालिनी चावला ने पुत्र वेदांत को आपरेशन के जरिये जन्म दिया इस कारण उन्हे कुछ दिन तक अस्पताल मे ही रहना पडा । 2 मार्च 2010 को डा. चावला का शव लेकर डा. शालिनी चावला को भारत आना था । किन्तु अस्पताल मे इनके साथ काम करने वाले 2 पाकिस्तानियों व कुछ स्थानिय लोगो ने इन पर होने वाले अत्याचारो की निव रख दी । इन लोगो ने स्थानीय पुलिस को लिखित मे शिकायत कर दी कि डा. आशीष चावला ने इस्लाम कबुल कर लिय था । वे मस्जिद जाते थे ...........। नमाज पड्ते थे….…। इसलिये उनकि पत्नि ने हि उनको जहर देकर मार दिया हे । इसी झुटि शिकायत के आधार पर स्थानीय पुलिस ने 1 मार्च 2010 को डा. शालिनी चावला को थाने पर बुलाया । व उनको इस शिकायत कि जनकारी दि तथा जांच पुरी होने तक भारत जाने से प्रतिबंधित कर दिया । उनहोने अपने पति के इस्लाम कबुल कर लेने वाली बात को सिरे से खारिज कर दिया । फ़िर भी एक बेचारी महिला कहा तक आरोपो को सुनती ओर वे इन सब आरोपो को सुनकर रो पडी । भाई सहार देकर किसी तरह घर लाया किंतु भाई का सहारा भी उनको 1 दिन से ज्यादा नही मिला , वीजा कि अवधी खत्म होने के कारण उनके भाई आंख मे आसु लिये भारत लोट आये । माँ का वीजा 3 महिने का था सो वो बेटि के पास हि ठहर गई । 16 मार्च 2010 को डा. शालिनी चावला को पुलिस ने पुन: बुलाया ओर गिरफ़्तार करके जेल मे डाल दिया । इधर माँ के बिना नवजात बच्चे का बुरा हाल तो उधर मुसिबतो की मारी डा. शालिनी चावला कि अश्रु धारा बंद होने का नाम नही ले रहि थी । पडोसियो ने काफ़ि प्रयास कर नवजात बच्चे को माँ के पास रहने कि इज्जाजत दिला दी । इधर डा. शालिनी चावला के चाचा श्री एच. जी. नागपाल अपनि भतिजी पर होने वाले अत्याचारो को रुकवाने के लिये सरकारी दफ़्तरो के चक्कर लगाते रहे । उन्होने प्रधानमन्त्री के अलावा अन्य कई मन्त्रीयो से गुहार लगाई किन्तु हल कुछ भी नही निकला । तत्कालिन विदेश राज्य मन्त्रि शशि थरुर ने सउदि अरब के राजदुत को बुलाकर उनसे मदद कि अपिल कि मगर सउदि अरब के राजदुत ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि सउदी अरब के कानुन के अनुसार जांच पुरि होने तक कुछ भी नहि हो सकता अप्रेल 2010 डा. चावला के शव का पुन: परिक्षण किया गया ओर डाक्टरो ने यह बताया कि डा. आशीष चावला का निधन ह्र्दयाघात से हुआ हे । जहर से नही हुआ हे । इसके बाद डा. शालिनी चावला को जेल से छोड दिया गया फ़िर डाक्टरो कि जांच रपट को सउदी अरब कि राजधानी रियाद भेजा गया । वहा के काजी ने रपट देखने के बाद डा. शालिनी चावला पर 3 शर्ते लाद दी (1) सरकार से कोई मुआवजा नही मागोगी । (2) शव को भारत ले जाकर मुस्लिम तरिके से दफ़नाओगी । (3) इस मामले को दुबारा नही खुलवाओगी । मरता क्या नही करता इसलिये डा. शालिनी चावला ने ये तिनो शर्ते मान ली । इसके बावजुद इन कठमुल्लाओ का दिल नही पसिजा ओर उन्होने राग अलापना शुरु किया कि एक मुस्लिम को मार दिया गया । इस कारण मामला फ़िर लटक गया । अगस्त 2010 मे फ़िर से शुरु हुई ओर कहा गया की रपट सहि नही हे । इसके बाद डा. शालिनी चावला ओर उनके परिजन बहुत परेशान हुए । किन्तु भगवान कि क्रुपा उन पर बनि रही ओर नम्बर 2010 मे हुई जांच को सही पाया गया । 30 नवम्बर 2010 को सउदी अरब के राजदुत ने डा. शालिनी चावला के परिजनो को बताया कि अब सब कुछ ठिक हो गया हे । ओर जल्दी हि डा. चावला का शव भारत आ जायेगा । 3 दिसम्बर को सउदी सरकार ने डा. चावला के शव को भारत लाने कि अनुमती दि फ़िर भि कागजी खाना पुर्ति के कारण शव को 19 दिनो तक वहा ओर रोके रखा गया । एक भारतिय परिवार के साथ एसा हुआ। पर हनिफ़ प्रकरण को लेकर आसमान को सिर पर उठा लेने वाला यहा का तथाकथित सेकुलर मीडिया जो कहता हे । कि खबर हर किमत पर इस पर पुरी तरह मोन रहा । तथाकथित सेकुलर मीडिया ओर भारत सरकार ने 2005 मे हुए इसि तरह के एक ओर प्रकरण मे भी चुपि साध लि थी । उल्लेखनिय हे कि श्री मणियम मुर्ति मलेशिया कि सेना मे थे ओर 20 दिसम्बर 2005 मे उनकी म्रृत्यु हो गई थी । मलेशियाई सेना के एक आफ़िसर ने श्री मुर्ति कि पत्नि श्रीमति कलियाम्माला को बताया कि श्री मुर्ती ने इस्लाम कबुल कर लिया था इसलिये उनके शव को दफ़नाया जायेगा । पति के शव को प्राप्त करने के लिये श्रीमति कलियाम्माला ने क्वालाल्मपुर कि उच्च अदालत मे मुकदमा किया । 28 दिसमबर 2005 मे यह कहते हुए मामले को खारिज कर दिया की उसके पास शरिया अदालत के फ़ेसले मे दखलंदाजी करने का अधिकार नही हे । ओर अंत मे स्वर्गीय मुर्ती के शव को द्फ़ना दिया गया । जबकी वे सनातनी हिन्दु थे । तिलक लगाते थे । मन्दिर जाते थे । व घर मे भी पुजा करते थे ।

आखिर मरने के बाद हि किसी इस्लामी देश मे किसी हिन्दु को मुस्लिम क्यो बताया जाता हे । इस पर हिन्दुओ को अवश्य विचार करना चाहिये ।

साभार साप्ताहिक पाञ्चजन्य

Saturday, January 1, 2011

2 जनवरी को इसाई संगठनो के द्वारा पवित्र श्रीमद भागवत गीता को जलाने कि साजिश

एक अपील सनातन हिन्दुओ से..........................
एक इसाई संगठन जिसका नाम “ Lord Salvation Army of India ” हे 2 जनवरी को 501 श्रीमद भागवत गीता ओर 101 महाभारत को जला रहा हे। इस संगठन ने हिन्दुओ को चुनोती दि हे कि हमारे द्वारा किये जा रहे इस पवित्र काम को कोइ रोक सके तो रोक के दिखाये । उपरोक्त पत्र आंद्र प्रदेश के विहिप कार्यालय को प्राप्त हुआ हे। उपरोक्त पत्र से यह स्पष्ट हे की भारत मे रहने वाले हिन्दुओ पर आने वाले समय मे बडी मुसिबते आने वालि हे। मुसलमानो ने पहले से हि घोषणा कि हुई हे कि वे 2050 तक भारत को मुस्लिम देश के रुप मे बनाना चाहते हे । इस लक्ष्य तक पहुचने के लिये उन होने कई प्रकार के जिहाद चला रखे हे। जेसे => हिन्दुओ की जमीन को हासिल करने के लिये “ लेंड जिहाद ” हिन्दु लडकियो के धर्मान्तरण के लिये “ लव जिहाद ” आदि अनेक प्रकार के काम जिनमे आंतकवाद प्रमुख हे । अब इसाई संगठनो के द्वारा हिन्दुओ के धर्मान्तर्ण को जोर शोर से बढावा दिया जा रहा हे । इसाई मिशनरी पिछले कई सदियो से भारत मे धर्मान्तर्ण का काम कर रही हे । अब इसाई संगठनो ने अपने आप को मुसलमानो से आगे रखने के लिये “ सशस्त्र धर्म युद्ध ” के नाम से एक मुहिम शुरु कि हे । जिसमे परम पवित्र श्रीमद भागवत गीता को जलाने से लेकर मन्दिरो को तोडना , सरकारो मे बेठे अपने गुर्गो के द्वारा अपने हितो को साधने वाले कानुन बनवाना व हिन्दुओ के मान बिन्दुओ पर चोट करना इत्यादि अनेक कुक्रत्य हे । अब मे आप के लिये “ Lord Salvation Army of India ” के प्रमुख जे. एस. थामस का वह पत्र प्रकाशित कर रहा हु जिसमे इस थामस ने हिन्दु नेताओ को परम पवित्र श्रीमद भागवत गीता को जलाने कि धमकि देते हुये कहा हे कि हम को रोक सको तो रोक लो.....


अब समय आ गया हे की सभी हिन्दु एकजुट होकर काग्रेस , इसाईयत , मुस्लिम ताकते व सभी तरह कि हिन्दु विरोधी ताकतो से सामना करे । व तब तक आराम का नाम न ले जब तक कि हम भारत मे हिन्दु राष्ट्र स्थापित न कर दे व परम पुजनिया भारत माता को परम वेभव तक नही पहुचा दे।

यहा यह ध्यान देने वाली बात हे की उडिसा मे इन इसाई सगंठनो के लिये सिरदर्द बन चुके स्व. स्वामि लक्ष्मणानन्द जी सरस्वती की ह्त्या भी कंधमाल मे इसाई समर्थित नक्सलियो ने हि कि थी ।

मेरा यह लेख किसी को भी कापी / प्रकाशित करने का अधिकार हे ।

" जय वन्दे भारत मातरम् "