सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल मे अभिभावक अपने बच्चो को पडाने का सपना देखता है । बेतहर शिक्षा का केन्द्र माने जाने वाले इस स्कुल मे अभिभावको को पसीना आ जाता है, लेकिन उज्जैन के उसी सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल के छात्र पिकनिक के दोरान शराब पिकर न केवल झगडे व समझाने पर स्कुल के टिचरो के साथ अभद्रता पुर्वक व्यवहार किया ।
देवास रोड स्थित सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल का एक भ्रमण दल बुधवार को सुबह धर्मेन्द्र ट्रेवल्स कि बस मे सवार हो कर निकला था। इस दल मे कक्षा 6 से 12 तक के छात्र व छात्राए शामिल थे । यह दल इन्दोर से 15 कि. मी. दुर घुमने के लिये निकला, वहा पर इन्होने खुब छक कर शराब पी व खुलकर मोज उडाई। स्कुल का दल सुबह 7 बजे रवाना हुआ था इसका मतलब यह कि इन छात्रो ने एक दिन पहले हि शराब कि बोतले खरीद लि थी ( 1 दिन पहले शराब कि बोतल खरिदने से इन छात्रो के सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल मे दिये जाने वाले संस्कारो का पता चलता है ।) इस घटना कि खबर जब लोगो को लगी तो सुनने वाले हेरान रह गये । सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल प्रबंधन छात्रो को समझाने के बाद अब इस मामले को दबाने मे जुटा हुआ है ।
सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल मे एडमिशन करवाना प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है । इस स्कुल मे अपने छोटे छोटे बच्चो का एडमिशन करवाने कि लिये अभिभावक रात को 3 बजे से हि लाइन मे लग जाते है ( मन्दिर मे लाइन मे लग कर दर्शन करने मे इन लोगो को शर्म आती है । ) यंहा पर ज्यादा तर धनाढयवर्ग व बडे स्तर के सरकारी अफ़्सरो के बच्चे हि पडते है, सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल के बच्चो के द्वारा शराब पिने से इस स्कुल कि साख पर बट्टा लगा है, पहले भी इस सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल के 7वी व 8वी के छात्र नकल करते हुए पकडाये थे । सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल का प्रबंधन इस घटना को दबाने का भरपुर प्रयास कर रहा है मगर पिकनिक से लोटे स्कुल के अन्य छात्रो ने इस घटना कि जानकारी अपने अभिभावको कि दि । इस मसले पर जब कुछ लोगो ने सेंट मेरी कान्वेंट स्कुल के प्रबंधन से बात करना चाहि तो उन्होने पिकनिक पर जाने कि बात तो स्वीकार कि मगर शराब खोरी कि घटना से मना कर दिया
अत: मेरा ऐसा मानना है कि भारत मे इन ईसाई मिशनरीयो के आने से पहले भी व बाद मे भी कई एसे शिक्षा संस्थान थे व है जो आप के बच्चो को गुणवत्ता वाली शिक्षा दे सकते है ।
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