खुदिराम बोस एक स्वतन्त्रता सग्रांम सेनानी
खुदिराम बोस (1889 -1908) एक स्वतन्त्रता सग्रांम सेनानी थे । वह अपनी उम्र के स्वतन्त्रता सग्रांम सेनानीयो मे सबसे छोटे थे । खुदिराम बोस का जन्म जन्म 3 दिसम्बर 1889 को भहुवानी जिला मेदिनीपुर बगाँल मे हुआ था । खुदिराम बोस के पिता श्री त्रिलोक्यनाथ बोस नदाझोल प्रिन्स तहसील के तहसीलदार थे । खुदिराम बोस कि माताजी श्रीमती लक्ष्मीप्रिया बोस एक कुशल ग्रहणी थी । वह अपने पुत्र खुदिराम बोस के बारे मे कहती थी कि यह लड्का एक दिन जरुर पुरे परिवार का नाम रोशन करेगा।
खुदिराम बोस स्वतन्त्रता के आन्दोलन के लिये भागवत गीता के पडने से मिली थी । उनका कहना था कि भागवत गीता के हि कारण मुझे भारतिय स्वतन्त्रता आन्दोलन मे भाग लेने कि एवम ब्रिर्टिश राज को इस देश से मिटाने कि प्रेरणा मिलती हे । खुदिराम बोस ने “ सोनार बगाँल ” के नाम से ब्रिर्टिश राज के विरुद्ध पर्चे छापे थे । वह इन पर्चो को “ वन्देमातरम ” के नारे के साथ बाटा करते थे । उन्होने अपने “ सोनार बगाँल ” के एक अंक मे ब्रिटेन कि संसद मे पास किये गये भारत सम्बन्धित एक गोपनिय विधेयक का खुलासा किय था जिससे पुरे ब्रिटेन मे व भारत के ब्रिटिशो मे खलबली मच गई थी । उनके इस प्रकार के कई खुलासो को लेकर ब्रिटेन के कई पत्रकारो ने अपनी पुस्तको मे विस्त्रत रुप से वर्णित किया हे ।
उनके द्वारा अग्रेज सिपाहियों को हमेशा एक वाक्य कहा जाता था -> “ अपना ध्यान रखना ओर मुझे छुने कि कोशिशें भी मत करना ”
वन्दे भारत मातरम
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खुदिराम बोस
http://balsanskar.com/marathi/lekh/328.html
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