Tuesday, June 15, 2010

1 रुपये व 5 रुपये के सिक्के पर संत अल्फ़ोन्सा कि तसवीर क्यो ?

यहा पर मे आप को इन्डोनेशीया कि सरकार का नोट दिखा रहा हु। जहा पर इन्डोनेशीया कि सरकार के द्वारा अपने यहा के सरकारी नोट पर गणेशजी महाराज का चित्र छापा गया हे । क्योकि वहा के लोगो के जिवन यापन के तरिके मे व हम हिन्दुस्थान के वासियो के रहने के तरिके मे कई प्रकार कि समानता हे।


अब मे आप को इस देश कि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष वादी सरकार का एक धर्मनिर्पेक्ष चेहरा दिखा रहा हु..................R.B.I. ने केन्द्र कि इस तथाकथित धर्मनिरपेक्ष वादी सरकार के कहने से 1 रुपये 5 रुपये के सिक्के के उपर संत अल्फ़ोन्सा के जन्म के 100 साल पुरे होने पर उनकि तसवीर छापी हे । यह सब कुछ केवल हिन्दुस्थान मे हि हो सकता हे । क्या आप कभी कल्पना कर सकते हे कि कभि वेटिकन या इटली कि सरकार हमारे किसी देवी देवता की या हमारे यहा पेदा हुए शुरविरो मे से किसि एक का भी चित्र अपने यहा के सरकारी नोट मे छापेगि । यह हमारे लिये बहुत ही शर्म कि बात हे उससे भि बडे शर्म कि बात तो यह हे कि हमारे यहा कि सरकार को इस बात का कोइ दुख नही हे।
अत: मे विवेक साखलाँ आप सभी हिन्दुस्थान के वासियो से प्रार्थना करता हु कि इस प्रकार कि षड्यंत्रकारि राष्ट्र विरोधि योजनाओ का विरोध पुरी ताकत से करे ।

12 comments:

माधव( Madhav) said...

who cares it?

ghughutibasuti said...

गणेश जी यहाँ नहीं विराजमान हो सकते। उनके होने से कितनों की भावनाओं को ठेस लगेगी!
घुघूती बासूती

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

हिन्दुत्व को नकारना ही इस देश में सच्ची धर्मनिरपेक्षता है...

Unknown said...

अल्फ़ोंसा के तथाकथित चमत्कार अभी प्रमाणित नहीं हुए हैं…। जिस प्रकार मदर टेरेसा को संदिग्ध रूप से संत घोषित किया था, वही मामला है।

समूचे यूरोप में जब चर्च यौन दुराचार के दलदल में फ़ँसा है तब उसे भारत की अशिक्षित और भोली जनता से बड़ी "उम्मीदें" हैं।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

हिन्दू गूंगे बहरे बने हैं या बनने का दिखावा कर रहे हैं>..

फ़िरदौस ख़ान said...
This comment has been removed by the author.
Amit Kharkhari said...

ye kamine gandhi parivar vale desh ko bech kar rahenge! sale visedhiyon ke hathon pahale ghar becha ab desh bech rahe hain!

फ़िरदौस ख़ान said...

भारत का तथाकथित 'धर्मनिरपेक्ष' होना ही देश के लिए नुक़सानदेह साबित हो रहा है...

Naveen Tyagi said...

hindu samaj ko doob marne ke liye bhi jagah nahi bachne waali.

Naveen Tyagi said...

hindu samaj ko doob marne ke liye bhi jagah nahi bachne waali.

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji said...

एक बार और जितवा दीजिये अगली बार पोप को सिक्के पर कांग्रेस ने न बैठा दिया तो कहियेगा.
हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये और रस्त्र्भक्ति से भरे हुए ब्लॉग का और आपका मैं ई-गुरु राजीव हार्दिक स्वागत करता हूँ.

मेरी इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए. यह ब्लॉग प्रेरणादायी और लोकप्रिय बने.

यदि कोई सहायता चाहिए तो खुलकर पूछें यहाँ सभी आपकी सहायता के लिए तैयार हैं.

शुभकामनाएं !


"टेक टब" - ( आओ सीखें ब्लॉग बनाना, सजाना और ब्लॉग से कमाना )

Anonymous said...

जिन्दा लोगों की तलाश!
मर्जी आपकी, आग्रह हमारा!!


काले अंग्रेजों के विरुद्ध जारी संघर्ष को आगे बढाने के लिये, यह टिप्पणी प्रदर्शित होती रहे, आपका इतना सहयोग मिल सके तो भी कम नहीं होगा।
=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=0=

सच में इस देश को जिन्दा लोगों की तलाश है। सागर की तलाश में हम सिर्फ बूंद मात्र हैं, लेकिन सागर बूंद को नकार नहीं सकता। बूंद के बिना सागर को कोई फर्क नहीं पडता हो, लेकिन बूंद का सागर के बिना कोई अस्तित्व नहीं है। सागर में मिलन की दुरूह राह में आप सहित प्रत्येक संवेदनशील व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। यदि यह टिप्पणी प्रदर्शित होगी तो विचार की यात्रा में आप भी सारथी बन जायेंगे।

हमें ऐसे जिन्दा लोगों की तलाश हैं, जिनके दिल में भगत सिंह जैसा जज्बा तो हो, लेकिन इस जज्बे की आग से अपने आपको जलने से बचाने की समझ भी हो, क्योंकि जोश में भगत सिंह ने यही नासमझी की थी। जिसका दुःख आने वाली पीढियों को सदैव सताता रहेगा। गौरे अंग्रेजों के खिलाफ भगत सिंह, सुभाष चन्द्र बोस, असफाकउल्लाह खाँ, चन्द्र शेखर आजाद जैसे असंख्य आजादी के दीवानों की भांति अलख जगाने वाले समर्पित और जिन्दादिल लोगों की आज के काले अंग्रेजों के आतंक के खिलाफ बुद्धिमतापूर्ण तरीके से लडने हेतु तलाश है।

इस देश में कानून का संरक्षण प्राप्त गुण्डों का राज कायम हो चुका है। सरकार द्वारा देश का विकास एवं उत्थान करने व जवाबदेह प्रशासनिक ढांचा खडा करने के लिये, हमसे हजारों तरीकों से टेक्स वूसला जाता है, लेकिन राजनेताओं के साथ-साथ अफसरशाही ने इस देश को खोखला और लोकतन्त्र को पंगु बना दिया गया है।

अफसर, जिन्हें संविधान में लोक सेवक (जनता के नौकर) कहा गया है, हकीकत में जनता के स्वामी बन बैठे हैं। सरकारी धन को डकारना और जनता पर अत्याचार करना इन्होंने कानूनी अधिकार समझ लिया है। कुछ स्वार्थी लोग इनका साथ देकर देश की अस्सी प्रतिशत जनता का कदम-कदम पर शोषण एवं तिरस्कार कर रहे हैं।

आज देश में भूख, चोरी, डकैती, मिलावट, जासूसी, नक्सलवाद, कालाबाजारी, मंहगाई आदि जो कुछ भी गैर-कानूनी ताण्डव हो रहा है, उसका सबसे बडा कारण है, भ्रष्ट एवं बेलगाम अफसरशाही द्वारा सत्ता का मनमाना दुरुपयोग करके भी कानून के शिकंजे बच निकलना।

शहीद-ए-आजम भगत सिंह के आदर्शों को सामने रखकर 1993 में स्थापित-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)-के 17 राज्यों में सेवारत 4300 से अधिक रजिस्टर्ड आजीवन सदस्यों की ओर से दूसरा सवाल-

सरकारी कुर्सी पर बैठकर, भेदभाव, मनमानी, भ्रष्टाचार, अत्याचार, शोषण और गैर-कानूनी काम करने वाले लोक सेवकों को भारतीय दण्ड विधानों के तहत कठोर सजा नहीं मिलने के कारण आम व्यक्ति की प्रगति में रुकावट एवं देश की एकता, शान्ति, सम्प्रभुता और धर्म-निरपेक्षता को लगातार खतरा पैदा हो रहा है! अब हम स्वयं से पूछें कि-हम हमारे इन नौकरों (लोक सेवकों) को यों हीं कब तक सहते रहेंगे?

जो भी व्यक्ति इस जनान्दोलन से जुडना चाहें, उसका स्वागत है और निःशुल्क सदस्यता फार्म प्राप्ति हेतु लिखें :-

(सीधे नहीं जुड़ सकने वाले मित्रजन भ्रष्टाचार एवं अत्याचार से बचाव तथा निवारण हेतु उपयोगी कानूनी जानकारी/सुझाव भेज कर सहयोग कर सकते हैं)

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा
राष्ट्रीय अध्यक्ष
भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यालय
7, तँवर कॉलोनी, खातीपुरा रोड, जयपुर-302006 (राजस्थान)
फोन : 0141-2222225 (सायं : 7 से 8) मो. 098285-02666

E-mail : dr.purushottammeena@yahoo.in